हरिभद्र सूरि वाक्य
उच्चारण: [ heribhedr suri ]
उदाहरण वाक्य
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- इस दृष्टि से जैन लेखक हरिभद्र सूरि का धूर्ताख्यान एक उल्लेखनीय रचना है।
- हरिभद्र सूरि का कृतित्व 788 ई. से 820 ई. के बीच माना जाता है।
- सन् 953 ई-में हरिभद्र सूरि के ‘अष्टकसंÛ्रह‘ पर जिनेश्वर सूरि ने टीका लिखी थी।
- मंगल शब्द के अन्य निर्वचन इस दृष्टि से आचार्य हरिभद्र सूरि ने मंगल का निर्वचन किया है-“मंग्यतेऽधिगम्यते हितमनेनेति मंगलम्।”-जिससे हित की, आत्मकल्याण की प्राप्ति हो, वह मंगल है।
- इन दर्शनों में दी गई युक्तियों का सुंदर संकलन हरिभद्र सूरि लिखित षड्दर्शन समुच्चय के ऊपर गुणरत्न के लिखे हुए भाष्य, कुमारिल भट्ट के श्लोकवार्तिक, और रामानुजाचार्य के ब्रह्मसूत्र पर लिखे गए श्रीभाष्य में पाया जाता है।
- इन दर्शनों में दी गई युक्तियों का सुंदर संकलन हरिभद्र सूरि लिखित षड्दर्शन समुच्चय के ऊपर गुणरत्न के लिखे हुए भाष्य, कुमारिल भट्ट के श्लोकवार्तिक, और रामानुजाचार्य के ब्रह्मसूत्र पर लिखे गए श्रीभाष्य में पाया जाता है।
- इन दर्शनों में दी गई युक्तियों का सुंदर संकलन हरिभद्र सूरि लिखित षड्दर्शन समुच्चय के ऊपर गुणरत्न के लिखे हुए भाष्य, कुमारिल भट्ट के श्लोकवार्तिक, और रामानुजाचार्य के ब्रह्मसूत्र पर लिखे गए श्रीभाष्य में पाया जाता है।
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